गुजरात / श्मशान में लगा सैकड़ों लोगों की अस्थियों का ढेर, जाने क्या है माजरा
By: Pinki Thu, 08 Oct 2020 2:38:25
कोरोना महामारी का खौफ लोगों में इस हद तक है कि परिजन कोरोना से मरने वाले अपने लोगों की ही अस्थियां लेने को तैयार नहीं है। गुजरात के कई श्मशान गृहों में अस्थियों के ढेर लगा हुआ है। इसके चलते अब श्मशान के कर्मचारियों द्वारा अस्थियां डंपिंग ग्राउंड में फेंकी जा रही हैं। गुजरात में श्मशान गृहों में ऐसे 900 लोगों की अस्थियां पड़ी हुई हैं, जिन्हें महीनों से कोई लेने नहीं आया। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार नवसारी जिले में 252 मृतक तो ऐसे थे, जिनके अंतिम संस्कार में ही परिवार का कोई सदस्य नहीं आया। इनमें से सिर्फ 30 मृतक ही ऐसे खुशकिस्मत थे, जिनके परिवार उनकी अस्थियां ले गए। वहीं, भरूच जिले में 292 में से 200 मृतकों के अंतिम संस्कार में कोई नहीं आया, इनकी अंतिम विधि अस्पताल और श्मशान के कर्मचारियों द्वारा की गईं। इसके अलावा इनमें से 210 लोगों की अस्थियां लेने अब तक कोई नहीं आया। भरूच में कोरोना मृतकों के लिए नर्मदा नदी किनारे ही श्मशान गृह बनाया गया था। इसलिए मृतकों की अस्थियां नर्मदा में ही विसर्जित कर दी गईं।
80% के ज्यादा मृतकों के परिवार अंतिम संस्कार तक में नहीं आए
जामनगर में श्मशान समिति के सदस्य दर्शन ठक्कर ने बताया कि जामनगर को कोरोना श्मशान गृह में 387 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। इनमें से 80% के ज्यादा मृतकों के परिवार तो अंतिम संस्कार तक में नहीं आए। जबकि अंतिम संस्कार करने से 10-12 घंटों पहले ही परिवार के सदस्यों को अस्पताल से फोन कर सूचना दे दी जाती है।
अग्निदाह के बाद कोरोना पूरी तरह से खत्म हो जाता है
इसी तरह अहमदाबाद में अभी तक 1812 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें 450 मृतकों के परिजन अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे। इनका संस्कार स्वंय सेवक, अस्पताल स्टाफ और श्मशान के कर्मचारियों द्वारा किया गया। हालांकि, इस बारे में डॉक्टर पहले ही कह चुके हैं कि शव के अग्निदाह के बाद कोरोना के अंश पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में अस्थियां और राख से कोई परेशानी नहीं। लेकिन, इसके बावजूद लोग अपने परिजन की अस्थियां तक लेने नहीं आ रहे हैं।